क्या है उन्नाव रेप केस का सच?
ये बात
जून 2017 की है , उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ भाजपा विधायक
कुलदीप सेंगर, उसके भाई और अन्य साथियों द्वारा कथित रूप से बलात्कार किया गया था, क्योंकि उसने नौकरी के लिए उनसे संपर्क किया था।
इस घटना के बाद!
2.पीड़ित परिवार ने पुलिस को घटना की सूचना दी और परिवार के अनुसार, अधिकारियों ने (
FIR) दर्ज करने से इनकार कर दिया। फिर कोई रास्त ना होने के कारण पीड़ित के परिवार वालों ने अदालत में मामला दायर किया।
नोट-अगर-आप भी कुछ जानते हैं इस मामले के बारे में तो नीचे कॉमेंट सैक्शन में जरूर बताए!
3.यह घटना
8 अप्रैल, 2018 को सामने आई, जब लड़की ने यूपी के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने खुद को अनैतिक तरीके से हटाने का प्रयास किया, कथित तौर पर पुलिस की निष्क्रियता के कारण!
वहीं
पांच दिन पहले, विधायक के परिवार से भिड़ने पर पीड़ित के पिता को पीटा गया था।
हालांकि परिवार और विधायक दोनों द्वारा शिकायतें दर्ज की गई थीं लेकिन पुलिस ने केवल एक पर कार्रवाई की और
पिता को (Arms Act) के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया!
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4.पिता की जिला अस्पताल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई जहां उन्हें भर्ती कराया गया था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उनके शरीर पर 14 चोटें थीं। यह तब हुआ जब लड़की ने खुद को जलाने की कोशिश की।
मामले में प्रगति:-
5.पिता की मृत्यु के बाद, विधायक के भाई, अतुल सिंह सेंगर को विधायक के चार सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया था यूपी क्राइम ब्रांच द्वारा।
घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए थे।
अतुल पर धारा 304 (हत्या के लिए दोषी नहीं है), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) की धारा लगाई गई!
लखनऊ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने लखनऊ पुलिस द्वारा जांच का आदेश दिया और पीड़ित को उनके सामने पेश क किया गया।
कथित बलात्कार मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया और इस दौरान पुलिस हिरासत पिता की मौत भी हो गई!
6.राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NATIONAL HUMAN RIGHT COMMISSION) ने बाद में उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य के पुलिस प्रमुख, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब मांगा!
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि "पीड़ित परिवार को और अधिक उत्पीड़न के अधीन नहीं किया जाए"।
UTTAR PRADESH सरकार ने पुलिस को मामला CBI को सौंपने का आदेश दिया और BJP विधायक को अंततः 12 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार कर लिया गया!
अगस्त 2018 में मामले में एक मुख्य गवाह यूनुस खान की उनके गांव में मौत हो गई। वहीं सीबीआई को बताए बिना उनको दफन भी कर दिया गया!
स्थानीय पुलिस ने कहा कि लीवर की बीमारी से पीड़ित की मौत हो गई!
28 जुलाई, 2019 को पीड़ित परिवार की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी और पीड़ित के दो रिश्तेदार मारे गए। लड़की और उसके वकील को गंभीर चोट लगी! जो अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झुल रही हैं!
राष्ट्रीय आक्रोश:-
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| उन्नाव रेप केस प्रोटेस्ट |
देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग के लिए इसे '
नॉट इन माई नेम' अभियान कहा गया।
नोट:-हम सब को इस वक़्त। आगे आकर अपने देश की बेटी को इंसाफ दिलवाना होगा वरना अगर आज भी देश की बेटी को इंसाफ नहीं मिला तो इस देश में फिर इंसाफ के लिए लोग कहां जाएंगे!
हमे पूरा यकीन है इस देश के कानून पर और इस देश की अदालत पर जो जल्द से जल्द सही फ़ैसला सुनाएगी!
Hame apne kanoon par pura bharosa hai
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